5 Essential Elements For Shodashi

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॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

रागद्वेषादिहन्त्रीं रविशशिनयनां राज्यदानप्रवीणाम् ।

आस्थायास्त्र-वरोल्लसत्-कर-पयोजाताभिरध्यासितम् ।

हर्त्री स्वेनैव धाम्ना पुनरपि विलये कालरूपं दधाना

ह्रीं ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥६॥

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की more info इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

ह्रीं‍श्रीर्मैं‍मन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा

दुष्टानां दानवानां मदभरहरणा दुःखहन्त्री बुधानां

ह्रीङ्कारं परमं जपद्भिरनिशं मित्रेश-नाथादिभिः

Goddess Tripura Sundari can also be depicted to be a maiden putting on amazing scarlet habiliments, darkish and extended hair flows and is completely adorned with jewels and garlands.

कालहृल्लोहलोल्लोहकलानाशनकारिणीम् ॥२॥

इति द्वादशभी श्लोकैः स्तवनं सर्वसिद्धिकृत् ।

बिभ्राणा वृन्दमम्बा विशदयतु मतिं मामकीनां महेशी ॥१२॥

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